21/04/2015

तेरी गली में...

तेरी गली में मैं ना चलूं और सबा चले,
यूँ ही खुदा जो चाहे तो बंदे की क्या चले,
किस की ये मौज-ए-हुसान हुई जलवगर की यूँ,
दरिया में जो हबाब थे आँखें चुप्पा चले!

होते अगर पास...

होते अगर पास तो कोई शरारत करते,
लेकर तुम्हें बाहों में मोहब्बत करते,
देखते तेरी आँखों में नींद का खःअमर,
अपनी खोई हुई नींदो की शिकायत करते!

है इश्क़ भी...

है इश्क़ भी जुनून भी,
मस्ती भी जोश-ए-खून भी,
कहीं दिल में दर्द,
कहीं आह सर्द,
कहीं रंग ज़र्द,
है यूँ भी और यूँ भी,
लो फिर बसंत आई,
फूलों में रंग लाई!

हुस्न की चाहत...

हुस्न की चाहत में इश्क़ को हमने ठुकरा दिया,
हुस्न ने यही सिलसिला हमारी ज़िंदगी में दुहरा दिया!

हर पल हँसके...

हर पल हँसके जिया करते हैं,
आप से दिल की हर बात किया करते हैं,
बहुत ख़ास हो आप हमारे लिए,
इसलिए हर वक़्त आपको याद किया करते हैं!

हर खुशी से...

हर खुशी से खूबसूरत आपकी हर शाम कर दूं,
अपना प्यार और दोस्ती आपके नाम कर दूं,
मिल जाए अगर दोबारा ये ज़िंदगी,
तो हर बार ये ज़िंदगी आपके नाम कर दूं!

हम तेरे हिजर...

हम तेरे हिजर में अंदर से बिखर जाते हैं,
ज़िंदा लगते हैं मगर असल में मार जाते हैं,
जब कभी बोलता है हंस के किसी और से तू,
कितने खंजर मेरे सीने में उतार जाते हैं!